Thursday 13 September 2018

पेट्रोल के दाम बढ़ना क्यों असामान्य क्यों नहीं है?

इधर पट्रोल डीज़ल के दाम पर खूब बवाल मचा है डिफेन्स से लेकर अटैक तक सब अपना अपना खेल रहे हैं ... मैंने कभी इस पर कुछ नहीं लिखा.. मनमोहन सरकार थी तब भी नहीं, अभी भी नहीं ..डीज़ल पेट्रोल का खर्च और कमाई का अनुपात बना हुआ है..पेमेंट कार्ड से करता हूँ, एक बार में Rs 1000 का राउंड फिगर में डीज़ल लेता हूँ और नोटेबंदी के बाद Rs 7.34 हर बार वापस आ जाते हैं .. माह में तीन बार ऐसे ही, यही खर्च है इससे ज्यादा तो नहीं लेकिन कम हो सकता है..ये पोस्ट पेट्रोल डीज़ल के भाव को लेकर नहीं है  .. बल्कि ऐसे बात को लेकर है जिस पर हमारे देश के अखबारी इकोनॉमिस्ट, रिपोर्टर..TV पर हर विषय के जानकार एंकर कभी कुछ नहीं बोलते  ... कारण साफ़ है कि या तो ये इनके एजेंडा में नहीं है या फिर इनके पास इतना दिमाग ही नहीं कि ये गूढ़ विषय समझ सके और आगे बता सकें  ... 

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हमारे देश में एक खास बात है और वो ये कि हम सब जानते हैं लेकिन मालूम कुछ नहीं है भारत में बातें हैं जो कभी एक लाइन में समझी नहीं जाती, लोगों को सब जानना है अंदरूनी..फोड़ा होगा तो खोदेंगे, नहीं होगा तो खरोच को खोदेंगे देखने को कि कैसे फोड़ा बनता है...खैर एक आम भारतीय का नेचर है कि मेरी बला से, जानने या न जानने से मेरा क्या फायदा  .. जानूँगा भी तो पूरा नहीं, अधूरा और फिर उसपर चुटकुले बनाऊँगा ..खैर .. 
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1990 में खाड़ी युद्ध के समय भारत ही नहीं विश्व के सामने बड़ा संकट आया था तेल का .. तेल का दाम उस समय विश्व में सबसे जयादा था और उपलब्धता संकट में थी ...भारत की अर्थ व्यवस्था को भी बड़ा चोट पहुंचा था .. किसी तरह पहला खाड़ी युद्ध ख़त्म हुवा और उसके बाद स्थिति ऐसे ही बनी रही ...1998 में जब अटल सरकार आई तब इस मामले पर गौर किया गया कि अगर खाड़ी युद्ध जैसा कोई और संकट आया तो उससे हम कैसे निबटें ... तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री राम नाइक जी (जो आजकल UP के राज्यपाल है) ने अटल जी के अगुवाई में 2003 में भारत में पेट्रोलियम रिज़र्व की योजना रखी .. एक PSU बनाने का बजट में लक्ष्य रखा जो इस रिज़र्व पर काम करेगी .. लगभग 4038 करोड़ का बजट दिया गया जिससे विशाखापट्टनम और मंगलौर में कुल मिलकर लगभग 3 MIllion Metric Tonne का crude oil सुरंगों में जमा करने का प्रोजेक्ट बनाया गया ... 2004 में अटल जी के सरकार की जनता ने विदाई कर दिया ..इस योजना के अंतर्गत बनने वाले कंपनी का नाम है ISPRL यानी INDIAN STRATEGIC PETROLEUM RESERVES LIMITED. ये योजना बनी थी कि कम से कम 20 दिन के लिए 5.33 MMT क्रूड आयल स्टोर किया जाएगा .. आगे मनमोहन सरकार ने इस योजना को जारी रखा और उन्होंने 10 दिन का रिज़र्व बनाने का लक्ष्य रखा लेकिन वो 10 वर्षों तक इसको पूरा नहीं कर सके ..

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2014 में फिर से इस पर काम शुरू हुआ  .. मोदी के ताबड़तोड़ मिडिल ईस्ट के दौरे और पेट्रिलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मेहनत रंग लाइ और ISPRL ने न सिर्फ रिकॉर्ड समय में विज़ाग और मंगलौर के रिज़र्व को पूरा किया बल्कि ओडिसा के पाडुर में भी 1.5 Million Metric Tonnes का रिज़र्व तैयार कर लिया .. इसी वर्ष मई में सारे रिज़र्व तैयार कर लिए गए है और इनमे लगभग 7 Million Metric Tonnes  क्रूड आयल स्टोर किया जा रहा है .. मई 2018 से UAE सरकार की कंपनी ADNOC ने क्रूड आयल भेजना चालू किया और भारत 5.68 Million Metric Tonnes  क्रूड आयल इस वर्ष के अंत तक जमा कर लेगा .. 7 Million Metric Tonnes  पूरा होते ही भारत के पास 25 दिन का क्रूड रिज़र्व उपलब्ध होगा .. अमेरिका ने भारत के इस क्रूड स्टोर बनाने के प्रोजेक्ट में पार्टनरशिप की बात किया है और भारत इस पर उसके साथ strategic alliance कर सकता है ...फिर इस बार 2017 - 18 के बजट में मोदी सरकार ने दो और crude स्टोरेज राजस्थान के बीकानेर और ओडिसा के चंडीखोल में बनाने का ऐलान किया ...
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इस सब पर कुछ पोर्टल ने खबर डाली बस इतना कि crude Storage बन रहा है, पुराना बन गया और तेल आ रहा है  .. बस इतना ही  .. किसी TV चैनल ने इस पर कोई खबर नहीं चलाई  .. प्रिंट मीडिया से भी गायब ही है  ... मूल बात ये नहीं कि इतना बड़ा मामला भारत के मीडिया से गायब है  .. भारत में इस पर बात नहीं  .. जबकि विश्व मीडिया ने भारत के पास 25 दिन का क्रूड स्टॉक होते हुए और क्रूड स्टॉक बनाने का कारण और औचित्य पर काफी बहस किया .. NYT, WP, Global Times में खूब चर्चा हुआ .. चीन के Global Times ने इसको भारत का पागलपन करार दिया ..इस पूरे मामले पर सबसे बड़ी रिपोर्टिंग और अनुसन्धान के बाद लेख लिखा रूस के अख़बारों ने ...रूस के ही स्पूतनिक ने इसको इस तरह बताया  .. आप लोग भी गौर करें  ..

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" 2015 से भारत में Crude Storage  या यूँ कहें Crude Vault बनाने में अभूतपूर्व तेज़ी आई है और जिसका ये परिणाम हुआ कि भारत ने लगभग 7 Million Tonnes क्रूड स्टोर करने के लिए सुरंगीय भूटैंक बना लिए .. उसके पास आपात स्थिति में अब 22 - 25 दिन तक दामों या उपलब्धता को लेकर कोई चिंता नहीं होगी .. आज के समय कसी भी युद्ध या आपात स्थिति के हिसाब से ये समय पर्याप्त है  .. लेकिन मोदी ने इस वित्तीय वर्ष दो नए Crude Storage यूनिट बनाने का प्रोजेक्ट रखा है जिससे भारत और 2 - 3 MMT क्रूड आयल का रिज़र्व रख लेगा  .. इसकी जरूरत क्या थी  .. जब इस पर स्पुतनिक के इकोनॉमिस्ट और कोरेस्पोंडेंट ने रिसर्च किया तो पाया कि भारत की इस सरकार ने कम से कम 2040 या शायद 2050 तक का सोचा हुआ है  .. क्योंकि मोदी सरकार इस रफ़्तार से 2022 तक भारत में कम से कम 15 MMT का क्रूड स्टोरेज कर लेगा ... अगर आकंड़ों पर देखा जाए तो 2040 में भारत आज से कम से कम पांच गुना बड़ा इकॉनमी होगा, उस समय भारत को अपने जरूरत के हिसाब से क्रूड का उपलब्धता एक चुनौती होगा  .. हालाँकि 2040 तक सौर ऊर्जा और बिजली से चलने वाले गाड़ियों आदि में विश्व काफी तरक्की कर चूका होगा लेकिन क्रूड की माँग बनी रहेगी और भारत इसपर काम कर रहा है..भारत ने पिछले 4 - 5 वर्षों में natural gas तथा सौर ऊर्जा में पूरी तरह और अब क्रूड में स्टोरेज की स्ट्रेटेजी द्वारा आत्मनिर्भर होने का कदम उठा लिया है  ... भारत के बनाए जा रहे इन crude vault में भारत न सिर्फ अपने क्रूड को रखने जा रहा है बल्कि अमेरिका, जापान, रूस, फ्रांस आदि जैसे देशों के लिए क्रूड स्टोरेज बैंक भी बना रहा है  .. भारत ने इन 5 वर्षों में विश्व को अपनी मंशा जाता दी है...भारत के ये crude vault भारत को दुनिया में एक अलग स्थान देने जा रहे हैं...आने वाले समय में मोदी - जेटली के कार्यों पर और ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि ये आज मजबूत नींव के साथ 2040 और अधिकतम 2050 तक विश्व के एक बड़े हिस्से को भारत पर निर्भर होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं  ... " 
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ये ऊपर का रिपोर्ट मैंने नहीं लिखा है... हूबहू यही Sputnik ने फरवरी 2017 से लेकर मई 2018 तक के अनेकों लेखों में लिखा है..मैंने बस उधर से उठाया है  ... लिंक के लिए Sputnik पढ़ें... बाकी जिनको विश्वास है उनके लिए हम खुद ही लिंक हैं ...
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2004 के चुनाव में प्याज के दाम और अटल के चेहरे से ऊबी जनता को पता ही नहीं था कि ISPRL क्या है, उसको तो शाइनिंग इंडिया एक मज़ाक लग रहा था ..उसके लिए शाइनिंग इंडिया तब एक चुटकुला था...आज भी अधिकतर को ISPRL क्या है ? Crude Vault क्या है नहीं पता.. लेकिन चुटकुलों पे खूब खिलखिला रही है..

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